

बारिश और तेज हवाओं के चलते लखनऊ रूट के मैलानी-बांकेगंज के बीच बांकेगंज के पास किमी नंबर 182 और खत्म हो चुके भीखमपुर स्टेशन के पास किमी नंबर 182 के पास ओएचई बिजली लाइन पर पेड़ गिर गए। रात करीब तीन बजे मैलानी से रवाना हुई एक मालगाड़ी के नियत समय में बांकेगंज न पहुंचने पर इसका पता चला। टॉवर वैगन और स्टाफ को मौके पर भेजकर बिजली लाइन पर गिरे पेड़ों को हटाया गया।
यह ट्रेनें हुईं प्रभावित
मैलानी-बांकेगंज के बीच आवागमन बाधित होने की वजह से 05087 मैलानी-डालीगंज पैसेंजर छह घंटे देरी से सुबह 11 बजे, 05085 मैलानी-डालीगंज पैसेंजर एक घंटा देरी से यहां से रवाना हुईं। इसी तरह गोरखपुर-मैलानी एक्सप्रेस लगभग डेढ़ घंटा, लखनऊ-शाहगढ़ पैसेंजर दो घंटे और डालीगंज-मैलानी पैसेंजर एक घंटा लेट हो गईं। इस वजह से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। संवादफोटो-2,3,4
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लोको पायलट की सतर्कता से बची दुर्घटना
संवाद न्यूज एजेंसी
बांकेगंज। बांकेगंज-मैलानी रेलखंड पर पिलर संख्या 186 और छोटी नहर पुल से कुछ दूरी पर महुरेना बीट जंगल से पहले रेल ट्रैक पर सिरसा प्रजाति का एक पेड़ भरभरा कर गिर गया। गनीमत रही कि सिग्नल की बिजली बंद मिलने पर लोको पायलट ने ट्रेन रोक ली।
शुक्रवार सुबह करीब तीन बजे मैलानी से बांकेगंज के लिए एक मालगाड़ी रवाना हुई थी। तेज हवाओं के साथ हो रही मूसलाधार बारिश के बीच महुरेना रेंज जंगल से पहले रेलवे ट्रैक पर एक पेड़ गिर गया। इससे बांकेगंज- मैलानी रेलखंड की बिजली गुल हो गई और सिग्नलों की बत्ती बंद हो गई। इस बीच मालगाड़ी के बांकेगंज के पास पहुंचने पर लोको पायलट को सिग्नल की बिजली बंद मिली। लोको पायलट ने ट्रेन रोककर देखा तो ट्रैक के बीच एक विशालकाय पेड़ गिरा दिखाई दिया। हालांकि, मैलानी स्टेशन से मालगाड़ी रवाना होने से पहले ड्राइवर को लुक आउट कॉशन दिया गया था। जिससे दुर्घटना होने से बच गई।
उधर मैलानी से रवाना हुई मालगाड़ी के बांकेगंज न पहुंचने पर रेल विभाग में हड़कंप मच गया। अफसरों और कंट्रोल रूम के निर्देश पर रेल कर्मी ट्रैक के किनारे-किनारे पैदल रवाना हुए। पिलर संख्या 186 के पास ट्रैक के बीच गिरे पेड़ और कुछ दूरी पर खड़ी मालगाड़ी को देख इसकी सूचना कंट्रोल को दी। तब जाकर रेल अफसरों ने राहत की सांस ली। पेड़ को काटने और क्षतिग्रस्त बिजली लाइन को ठीक करने में करीब सात घंटे का समय लग गया।
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बांकेगंज में रेल ट्रैक पर गिरा पेड़।